Mujhse Daro
मुझसे डरो मुझसे डरो, मैं रोज़ चल रहा हूँमुझसे डरो, मैं हर पल जल रहा हूँ जो असंभव सा अचल है, उस पर चढ़ रहा हूँजो डगर है मुश्किल सी, उस पर बढ़ रहा…
Poems by Nitin Dakshene
मुझसे डरो मुझसे डरो, मैं रोज़ चल रहा हूँमुझसे डरो, मैं हर पल जल रहा हूँ जो असंभव सा अचल है, उस पर चढ़ रहा हूँजो डगर है मुश्किल सी, उस पर बढ़ रहा…